• Breaking News

    इस बार क्यों है 21 जून का सूर्य ग्रहण खास बता रहे हैं पंडित शशिपाल डोगरा:-क्या करें- क्या न करें





    We News 24 Hindi »हिमाचल प्रदेश/राज्य

    शिमला /रिपोर्टर सत्यदेव शर्मा सहोड़


    • इस बार क्यों है 21 जून का सूर्य ग्रहण खास 
    • बता रहे हैं पंडित शशिपाल डोगरा:-क्या करें- क्या न करें
    • किस राशि वाले क्या करें ग्रहण के बाद  दान या पाठ ?
    • 21 जून के  इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण से बढ़ेगी आशंकाएं, रहना होगा हर तरफ से सचेत



    शिमला। वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि रविवार 21 जून, 2020 को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण प्रात: 9: 15 बजे पर लगेगा और दोपहर 3:05 बजे तक रहेगा। इसका सूतक 20 जून शनिवार की रात्रि 9:15 बजे आरंभ हो जाएगा। रविवार को यह वलयाकार ग्रहण दोपहर 12:15 बजे पर चरम सीमा पर होगा। पंडित डोगरा ने कहा कि ग्रहण तो हर साल होते हैं परंतु 21 जून का ग्रहण कुछ दुर्लभ ज्योतिषीय समीकरणों के साथ है। ऐसे संयोग हर बार नहीं होते। 

    ये भी पढ़े-रक्त दान महादान शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि

    किसी-किसी सदी में ही होते हैं। जब भी गुरु और शनि मकर राशि में आए हैं, वे पूरे विश्व में हाहाकार मचा के गए हैं। कोरोना महामारी भी 26, दिसंबर 2019 के सूर्य ग्रहण के बाद खूब फैला। पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि मत्स्य पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान, निकले अमृत को राहू-केतू ने छीन लिया था, तब से ग्रहण की कथा, इतिहास चला आ रहा है। आज से ठीक 25 साल पहले घटित 1995 के ग्रहण के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया था, पक्षी घोंसलों में लौट आए थे, हवा ठंडी हो गई थी। एक साथ बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु ग्रह वक्री रहेंगे। चार ग्रहों की युति मिथुन राशि पर सूर्य+चन्द्र+राहु+बुध, इन पर मंगल की दृष्टि, मंगल के नक्षत्र मृगशिरा से सूर्यग्रहण आरंभ होगा। 


    इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। ग्रहण के दिन अशुभ गंडयोग, पूर्ण काल सर्पयोग, मिथुन राशि से अष्टम में नीच राशि गत गुरू, वक्री शनि, इस तरह षडाष्टक अशुभयोग भी बन रहा। भारत की कुंडली में काल पुरूष का मुख स्थान यही है। जहां मिथुन राशि पर ग्रहण होगा, विषाणु व विस्तार का कारक राहु यहीं पर संस्थित है। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से और भी प्रभावी हो गया है, यह बहुत दुर्लभ है। रविवार, आषाढ़ कृष्ण 30, मृगशिरा नक्षत्र, मिथुन राशि पर यह ग्रहण होगा। मृगशिरा के चतुर्थ चरण से आरंभ हो आद्रा नक्षत्र जो कि राहु का नक्षत्र है समाप्त होगा। रविवार सूर्य का दिन। इन छह ग्रह का वक्री होना यानी एक बड़ा तहलका मचाने वाला है। पंडित डोगरा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जा रहा है। यह ग्रहण अनिष्टकारी प्रतीत हो रहा है।

    ये भी पढ़े-महिला ने अपने शराबी पति की पीट-पीट कर मार डाला


    क्या करें?
    बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान खाद्य पदार्थों में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए।


    ग्रहण काल में सोना और भोजन नहीं करना चाहिए। चाकू, छुरी से सब्जी, फल आदि काटना भी निषिद्ध माना गया है। सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। ग्रंथों के अनुसार सूतक काल में पूजा पाठ और देवी देवताओं की मूर्तियों को भी छूने की मनाही है। सूर्य ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए प्रभावित राशि वाले लोगों को ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र के जप करना चाहिए या सुन भी सकते हैं। इसके अलावा ज़रूरतमंद लोगों को अनाज दान करें।


    ग्रहण से पहले तोड़कर रखा हुआ तुलसी पत्र ग्रहण काल के दौरान खाने से अशुभ असर नहीं होता। सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के समय मानसिक रूप से मंत्रों का जाप कर सकते हैं। जैसे राम नाम, ऊँ नम:  शिवाय, सीताराम, श्री गणेशाय नम: आदि मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आप चाहे तो अपने इष्टदेव का ध्यान भी कर सकते हैं।

     भगवान के ध्यान के साथ ही मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। सूतक काल के पहले तैयार भोजन को खाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर शुद्ध करें। सूर्य ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान सूर्य मन्त्र ऊँ ह्रीं घृणि: सूर्य आदित्य: क्लीं ऊँ के अलावा, ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का शुद्ध जाप करें। 


    संयम के साथ जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है. ग्रहण काल के दौरान कमाया गया पुण्य अक्षय होता है। ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए। घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए। ग्रहण के बाद पुराना पानी और अन्न फेंक देना चाहिए। नया भोजन पकाकर खाये और ताज़ा पानी भरकर पिए।

    ग्रहण के बाद गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। ग्रहण के दौरान आपको धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हुए खुद को प्रसन्ऩचित अवस्था में रखना चाहिए। रोग शांति के लिए ग्रहण काल में आपको महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। कांसे की कटोरी में घी भरकर उसमें चाँदी का सिक्का डालकर अपना मुख देखकर छायापात्र मंत्र पढ़ें। उसके बाद ग्रहण समाप्ति होने पर वस्त्र, फल और दक्षिणा सहित ब्राह्मण को दान करने से रोग मुक्त होते हैं।

    ये भी पढ़े-Accidents in UP:एक्सप्रेस पर दो अलग-अलग सड़क हादसों में आठ लोगों की मौत हो गई


    क्या न करें?
    नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है। सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त एहतियात बरतनी होती है। बालक, बुजुर्ग और मरीजों को छोडक़र दूसरे लोगों को भोजन का त्याग करना चाहिए। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगे निकलती हैं जोकि मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। चाकू, छूरी का प्रयोग नहीं करना है। 


    इस दौरान सब्जी फल आदि नहीं काटना है। तेल मालिश नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान लोगों को पानी पीने से भी बचना चाहिए। ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता है। ग्रहण काल में किसी भी नए कार्य का शुभारंभ न करें। ग्रहण काल की अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल में पाठ पूजा की जाती है, देवी देवताओं की मूर्तिया छूना नहीं चाहिए।

    ये भी पढ़े-बिहटा के लाल शहीद सुनील कुमार की शवयात्रा में उमड़ा जल सैलाब, देखें वीडियो


    सूतक के दौरान भोजन बनाना और भोजन करना वर्जित माना जाता है। भारी अनाज और सीरियल्स जैसे आटा, मैदा , काली दाल इन चीजों को पचाना पेट के लिए मुश्किल होता है और चूंकि ग्रहण के दौरान बदलाव हो रहा होता है ऐसे में हमारे शरीर के लिए इन चीजों को डाइजेस्ट करना और भी ज्यादा मुश्किल और तकलीफ़ हो सकता है। लिहाजा ग्रहण के दौरान ग्रेन्स और सीरियल्स का सेवन न करें। कोई भी ऐसा खाद्य पदार्थ जो हमारे शरीर के तापमान को बढ़ा देता है और जिसे पचाना शरीर के लिए मुश्किल होता है उनका सेवन ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए वरना डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें और बीमारियां हो सकती हैं। 


    लिहाजा डीप फ्राइड और ऑइली फूड से परहेज करें। नॉन वेज न खाएं। ग्रहण के दौरान होने वाले कॉस्मिक चेंज की वजह से पानी में भी रिऐक्शन हो सकता है। इसलिए अगर पीना ही हो तो ढंका हुआ पानी पीएं। देवी-देवताओं की प्रतिमा और तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान फूल, पत्ते, लकड़ी आदि नहीं तोडऩे चाहिए। इस दिन न बाल धोने चाहिए न ही वस्त्र। ग्रहण के समय सोना, शौच, खाना, पीना, किसी भी तरह के वस्तु की खरीदारी से बचना चाहिए। सूर्यग्रहण में बाल अथवा दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, न ही बालों अथवा हाथों में मेहंदी लगवानी चाहिए। सर्यग्रहण के दरम्यान उधार लेन-देन से बचना चाहिए। उधार लेने से दरिद्रता आती है और उधार देने से लक्ष्मी नाराज होती हैं।


    विश्व व देश पर क्या रहेगा प्रभाव?
    ग्रहण के 41 दिन पहले और 41 दिन बाद धरती के वातावरण पर अक्सर देखा गया है। इस साल 6 ग्रहण हैं और 30 दिन के अंदर लग रहे हैं। इस कारण, भूकंप, अधिक वर्षा, बाढ़, प्राकृतिक आपदाएं, सीमा विवाद, राजनीमिक विवाद, हिंसक व धार्मिक उंमाद, आर्थिक मंदी, जनप्रतिनिधियों की जान को खतरा, महामारी के केसों में 30 दिन तक वृद्धि की आशंका रहेंगी।


    ग्रहण का यह सामान्य फल-दान या पाठ
    आपकी कुंडली में दी गई चंद्र राशि के अनुसार ग्रहण का यह सामान्य फल हो सकता है, फिर भी हर व्यक्ति की ग्रह-दशा आदि के अनुसार कई अन्य फला देश भी होंगें। ग्रहण के बाद बताए गए दान या पाठ में से कुछ भी कर सकते हैं।


    1. मेष- सफलता के संकेत-धन लाभ का योग बन रहा है। इस राशि के लोगों के लिए सूर्यग्रहण विशेष लाभ देने वाला साबित होगा। सूर्यग्रहण किसी भी मामले में हानिकारक नहीं है बल्कि सभी मामलों में लाभ देने वाला साबित होगा। ओम नम: शिवाय का जाप मूल मंत्र, दान-गेहूं, आटा, गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, दवाई।


    2. वृषभ- यह ग्रहण धन भाव में होगा। कर्ज न लें। दुश्मन बढ़ सकते हैं, जिसकी वजह से मानसिक तनाव में रह सकते है। वाणी पर नियंत्रण रखना है। अनाज का दान कर सकते हैं और चावल, आटा, गेहूं और दाल दे सकते हैं। श्री सूक्त का जपुजी साहब/पाठ करें। चावल, चीनी, कपूर, दूध का पैकेट, सफेद मिठाई, सफेद कपड़े।


    3. मिथुन- सूर्य ग्रहण आपकी ही राशि में लगने जा रहा है स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। आर्थिक स्तर पर आपके लिए सब कुछ अच्छा नहीं चलेगा और आपको काफी नुकसान भी हो सकता है। गणेश जी का स्मरण करें। गाय को हरा चारा, सब्ज़ियाँ, हरी मूंग दाल, हरे कपड़े, हरे रंग के मास्क या सैनेटाइजर दान करें।


    4. कर्क- संपत्ति के मामले में हानि हो सकती है। कर्ज न लेना है न ही देना है। खर्चे बहुत अधिक बढ़ सकते हैं ग़रीब व्यक्ति को आप अन्न, गुड़, तिल या वस्त्र का दान कर सकते हैं, जो आपके लिए बेहद अच्छा रहने वाला है। शिव आराधना, जपुजी साहब का पाठ करें। दही, सफेद वस्त्र, दूध, पानी की बोतलें।


    5. सिंह- कहीं से लाभ प्राप्त होने के संकेत हैं। नए लोगों से मिलेंगे। आपकी नए लोगों से दोस्ती बढ़ेगी। पैसे के मामलों में आपकी स्थिति काफी अच्छी रहेगी। यह सूर्य ग्रहण आपके लिए काफी फलदायी होने वाला है। ओम सूर्याय नम: का पाठ करें। तांबे का बर्तन, आटा, कनक, गुड़, आम, सेब, हलवा ब्रेड।


    6. कन्या- ग्रहण लाभकारी है। सुखद परिणाम मिलेंगे। सरस्वती मंत्र पढ़ें- ओम हृीं हृीं हृीं सरस्वत्यै नम:, सब्जी, हरा चारा, भोजन, जल, इलायची, शर्बत।
    7. तुला- वाणी पर नियंत्रण रखें। झगड़ा हो सकता है। लक्ष्मी जी की पूजा, मंदिर में पूजन सामग्री, दीपक, घी, मूर्तियों के वस्त्र, मास्क।


    8. वृश्चिक- ग्रहण अष्टम भाव में होगा। हर प्रकार के संक्रमण से बचने की जरूरत है। निवेश करना आपके लिए अच्छा नहीं है। सांस से संबंधित बीमारियों को लेकर भी आपको खासा ध्यान देने की जरूरत है। हनुमान चालीसा, सुखमणि साहिब का पाठ, हल्दी, चीनी, गुड़, शक्कर, लाल, पीले फल, लाल रंग के मास्क।


    9. धनु- ग्रहण आपकी राशि के 7वें भाव में लगने जा रहा है। परेशानियों से मुक्त हो जाएंगे। उतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सेहत के मामले में इस वक्त पहले की तुलना में अधिक सावधान रहने की जरूरत है। विष्णु पूजा, चना, बेसन, पीली मिठाई, महामृत्युंज्य मंत्र, आटोमेटिक सेनेटाइजर, बेकरी आइटम।


    10. मकर- इस राशि के लोगों के लिए यह शुभ है। सुंदर कांड का पाठ, चना, उड़द, सरसों तेल, काजल, सूरमा, जूते, चप्पल, काली छतरी।


    11. कुंभ- चिंता बढ़ सकती है, किसी रिलेशनशिप में पडऩे से बचना चाहिए। पैसों के मामले में इस वक्त कोई खास लाभ नहीं मिलने वाला है। आर्थिक मामलों में आपकी स्थित सही रहेगी। हनुमान जी की आराधना, चौपई साहब का पाठ, कोयला, गैस सिलेंडर, अन्न, सरसों का तेल।


    12. मीन- ग्रहण काफी फ़ायदेमंद हो सकता है। रुके हुए काम पूरे हो जाएंगे। व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह सूर्य ग्रहण अच्छे फल देने वाला साबित होगा। सूर्यग्रहण के प्रभाव से आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या पेश आ सकती है। रामचरित मानस, मूल मंत्र का पाठ, केले, पपीता, खरबूजा, चीटियों को तिल चावल शकर, पीले वस्त्र।

    Header%2BAidWhats App पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 9599389900 को अपने मोबाईल में सेव  करके इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। फेसबुक-टिवटर पर हमसे जुड़ने के लिए https://www.facebook.com/wenews24hindi और https://twitter.com/Waors2 पर  क्लिक करें और पेज को लाइक करें


    Post Top Ad

    Post Bottom Ad